महानायक:- सुभाष चंद्र बोस

सुभाष चन्द्र बोस उन महामानवों में से एक थे जिन्हें तीव्र बुद्धि, भावनात्मक उर्जा, प्रखर चिंतनक्षमता जन्म से प्राप्त थी और पराधीन भारतमाता को स्वतंत्र करने के भव्य स्वप्न से जिनके व्यक्तित्व का अणु-अणु उत्तेजित रहता था। उन्होंने पश्चिमी ज्ञान और विद्या को आत्मसात किया था, साथ ही भारत की उर्जस्वी आध्यात्मिक परंपरा, जो रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद से छनकर आयी थी, उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व का मूल स्त्रोत थी। सुभाष चन्द्र बोस का ऐसा व्यक्तित्व था जिसकी जबरदस्त कशिश ने हिटलर से लेकर जापान के प्रधानमंत्री तोजो तक को प्रभावित किया था और जिसके भय से चर्चिल जैसे नेताओं की नींद हराम कर दी थी।

भाग्य और प्रकृति प्रायः विश्व के समस्त महापुरुषों की सत्वपरिक्षा लेते रहे हैं। नेताजी के जीवन में भी भाग्य और प्रकृति निरंतर अडा-तिरछा तांडव करते रहे। धराशायी होते गिरिशिखर पर भी पाँव टिकाये रखने वाले इस पुरुषसिंह ने कभी अपना धैर्य और गाम्भीर्य नहीं छोड़ा। पंथनिरपेक्ष, सुदृढ़, सशक्त, श्रेष्ठ और सुसंस्कृत भारत के निर्माण का स्वप्न साकार करने के लिए उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन दाँव पर लगा दिया।

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