यीशु का अमर प्रेम और क्षमा आज भी अनुकरणीय !!
गुड-फ्राइडे- ईसाईयों के लिए बेहद पवित्र
दिन। आज ही के दिन यीशु मसीह सूली पर चढ़ाए गए थे। यह
पर्व धार्मिक और आध्यात्मिक- दोनों रूपों से मनाया जाता
है। इस दिन गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना का आयोजन होता है। इसमें भाग
लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति प्रार्थना, पश्चाताप
और उपवास के साथ यीशु मसीह के उस दुख को याद करता है, जो
मृत्यु से पहले उन्होंने भोगे थे।
गुड फ्राइडे प्रेम और क्षमा का दिन है। इसे ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और पवित्र शुक्रवार भी कहा जाता है। इसके पहले पूरे चालीस दिनों तक ईसाई लोग संयम और व्रत का पालन कर अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं। इस वर्ष इस की शुरुआत 05 मार्च से हुई, जिसे राख बुध कहते हैं। इस बीच में सात शुक्रवार और छह रविवार पड़ते हैं। छठे रविवार को खजूर रविवार कहा जाता है।
अंतिम सप्ताह को पवित्र सप्ताह कहा जाता है और अंतिम शुक्रवार को पवित्र शुक्रवार। यह शुक्रवार प्रेम, क्षमा और आत्मा के शुद्धीकरण का संदेश देता है। ईसाई मतावलंबी इस दिन अपने पापों को स्वीकार करते हैं और अपने गुनाहों के लिए यीशु से क्षमा मांगते हैं। बाइबिल में यीशु मसीह के प्रेम और क्षमा के बारे में काफी वर्णन किया गया है। जब उन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया, तब उनके दाएं और बाएं दो कुकर्मियों को भी चढ़ाया गया था। उन दोनों में से एक ने यीशु पर व्यंग्य करते हुए कहा, तू मसीह है न? तो अपने को और हमें भी बचा।
इस पर दूसरे ने उसे डांट कर कहा, क्या तुझे ईश्वर का भी डर नहीं? तू भी तो वही दंड भोग रहा है। हमारा दंड न्याय संगत है, क्योंकि हम अपनी करनी का फल भोग रहे हैं। पर इन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। फिर उसने यीशु से कहा, ईसा! जब आप अपने राज्य में आएंगे, तो मुझे याद कीजिएगा। ईसा ने उनसे कहा, मैं तुम से यह कहता हूं, तुम आज ही परलोक में मेरे साथ होगे। यीशु मसीह के साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार किया गया, लोग उनका मजाक उड़ाते रहे। फिर भी उन्होंने अपने ऊपर अत्याचार करने वालों को क्षमा करते हुए कहा, 'हे पिता! इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं।'
सलीब पर यीशु मसीह ने कहा, मैं प्यासा हूं। वहां खट्टी अंगूरी से भरा एक पात्र रखा हुआ था। लोगों ने उस में एक पनसोख्ता डुबाया और उसे जूफे की डंडी पर रख कर ईसा के मुख से लगा दिया। ईसा ने खट्टी अंगूरी चख कर कहा, सब पूरा हो चुका है। अब लगभग दोपहर हो रहा था। सूर्य के छिप जाने से तीसरे पहर तक सारे प्रदेश पर अंधेरा छाया रहा। यीशु मसीह ने ऊंचे स्वर में पुकार कर कहा, 'हे पिता! मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों सौंपता हूं- और यह कह कर उन्होंने प्राण त्याग दिए।'
आज समाज और घर-परिवार के इर्द-गिर्द नजर डाल कर देखें कि किस तरह लोग छोटी-छोटी बातों में गुस्सा करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई हमारा पड़ोसी हमारे घर के पास कूड़ा-कचरा फेंक जाए, तो हम तुरंत नाराज हो कर उससे झगड़ने चले जाते हैं या बदले की भावना मन में उत्पन होती है। ऐसे सवाल हम सब की जिंदगी में खड़े होते हैं कि कैसे एक-दूसरे के विरूद्ध उत्पन्न हुए मनमुटावों और भावों से छुटकारा पाएं, जिससे कि हम प्रेम और सद्भाव से जी सकें।
हम यीशु मसीह की प्रेरणाओं को समझ कर अपने जीवन में लागू करें, ताकि हम भी दूसरों को प्रेम और क्षमा कर सकें। यीशु मसीह ने हमें यही सिखाया है। आश्चर्य है कि क्रिसमस तो सभी धर्म के लोग मनाते हैं, लेकिन गुड फ्राइडे अभी भी गैर ईसाईयों के लिए एक रहस्य बना हुआ है।
गुड फ्राइडे प्रेम और क्षमा का दिन है। इसे ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और पवित्र शुक्रवार भी कहा जाता है। इसके पहले पूरे चालीस दिनों तक ईसाई लोग संयम और व्रत का पालन कर अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं। इस वर्ष इस की शुरुआत 05 मार्च से हुई, जिसे राख बुध कहते हैं। इस बीच में सात शुक्रवार और छह रविवार पड़ते हैं। छठे रविवार को खजूर रविवार कहा जाता है।
अंतिम सप्ताह को पवित्र सप्ताह कहा जाता है और अंतिम शुक्रवार को पवित्र शुक्रवार। यह शुक्रवार प्रेम, क्षमा और आत्मा के शुद्धीकरण का संदेश देता है। ईसाई मतावलंबी इस दिन अपने पापों को स्वीकार करते हैं और अपने गुनाहों के लिए यीशु से क्षमा मांगते हैं। बाइबिल में यीशु मसीह के प्रेम और क्षमा के बारे में काफी वर्णन किया गया है। जब उन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया, तब उनके दाएं और बाएं दो कुकर्मियों को भी चढ़ाया गया था। उन दोनों में से एक ने यीशु पर व्यंग्य करते हुए कहा, तू मसीह है न? तो अपने को और हमें भी बचा।
इस पर दूसरे ने उसे डांट कर कहा, क्या तुझे ईश्वर का भी डर नहीं? तू भी तो वही दंड भोग रहा है। हमारा दंड न्याय संगत है, क्योंकि हम अपनी करनी का फल भोग रहे हैं। पर इन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। फिर उसने यीशु से कहा, ईसा! जब आप अपने राज्य में आएंगे, तो मुझे याद कीजिएगा। ईसा ने उनसे कहा, मैं तुम से यह कहता हूं, तुम आज ही परलोक में मेरे साथ होगे। यीशु मसीह के साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार किया गया, लोग उनका मजाक उड़ाते रहे। फिर भी उन्होंने अपने ऊपर अत्याचार करने वालों को क्षमा करते हुए कहा, 'हे पिता! इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं।'
सलीब पर यीशु मसीह ने कहा, मैं प्यासा हूं। वहां खट्टी अंगूरी से भरा एक पात्र रखा हुआ था। लोगों ने उस में एक पनसोख्ता डुबाया और उसे जूफे की डंडी पर रख कर ईसा के मुख से लगा दिया। ईसा ने खट्टी अंगूरी चख कर कहा, सब पूरा हो चुका है। अब लगभग दोपहर हो रहा था। सूर्य के छिप जाने से तीसरे पहर तक सारे प्रदेश पर अंधेरा छाया रहा। यीशु मसीह ने ऊंचे स्वर में पुकार कर कहा, 'हे पिता! मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों सौंपता हूं- और यह कह कर उन्होंने प्राण त्याग दिए।'
आज समाज और घर-परिवार के इर्द-गिर्द नजर डाल कर देखें कि किस तरह लोग छोटी-छोटी बातों में गुस्सा करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई हमारा पड़ोसी हमारे घर के पास कूड़ा-कचरा फेंक जाए, तो हम तुरंत नाराज हो कर उससे झगड़ने चले जाते हैं या बदले की भावना मन में उत्पन होती है। ऐसे सवाल हम सब की जिंदगी में खड़े होते हैं कि कैसे एक-दूसरे के विरूद्ध उत्पन्न हुए मनमुटावों और भावों से छुटकारा पाएं, जिससे कि हम प्रेम और सद्भाव से जी सकें।
हम यीशु मसीह की प्रेरणाओं को समझ कर अपने जीवन में लागू करें, ताकि हम भी दूसरों को प्रेम और क्षमा कर सकें। यीशु मसीह ने हमें यही सिखाया है। आश्चर्य है कि क्रिसमस तो सभी धर्म के लोग मनाते हैं, लेकिन गुड फ्राइडे अभी भी गैर ईसाईयों के लिए एक रहस्य बना हुआ है।
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