सबसे खतरनाक है मुर्दा शांति से मर जाना~ पाश

पाश कहा करते थे कि ‘सबसे खतरनाक है मुर्दा शांति से मर जाना’। मेरे नज़र में सबसे खतरनाक होता है प्रेम में छले जाना। क्यूंकि जब भी हकीकत खुलती है तो वो स्थिति बड़ी बेशर्मी और बेहयायी वाली होती है। कुछ दिन पहले जो लोग एक दुसरे के साथ को अपने लिए लकी मानते थे, वो अब डेढ़ साल पहले हुई किसी घटना को आज की स्थिति का कारण बताने लंगेंगे और आप उन दोनों में से खुद को कोई एक हो तो तब तो हकीकत अपने वीभत्सम रूप में सामने खड़ी होती है।
          मेरा मानना है कि प्रेम में हार कभी हमको कोई सबक नहीं देती। ये हमको बद से बदतर करती है बस। दो राहे पर छोडती है आपको। जहाँ एक रास्ता आपको मिलता है उस जगह को छोड़ के जाने का और दूसरा मिलता है सामने वाले से बदला लेने का। हालाँकि जिंदगी में कुछ आगे बढ़ जाने के बाद आपको ये दोनों रास्ते बचकाने लगेंगे लेकिन उस वक्त इनमे से ना सिर्फ एक रास्ता चुना जाता है बल्कि उसे पूरा करने के लिए हर कदम जान झोंकी जाती है।
          भावनायें हमेशा अपने विलोम के साथ अंदर तक जुडी होती है जैसे प्रेम-नफरत के, ईमानदारी-बेईमानी के, अच्छाई- बुराई के। जहाँ लोग आपके उपर दी गयी किसी भी पहली चीज पर उंगली उठाते हैं तो आप तुरंत ही दूसरी चीज पर आ जाते हैं और वो भी बेहद बेशर्म तर्कों के साथ। किसी ने कहा था कि “हाँथ में रेट हो तो आँखों में पानी आ ही जाता है” ।आपको पता भी नहीं चलेगा लेकिन आप ऐसे बिछडाव के बाद हमेशा रोते रहेंगे वो भी बिना किसी वाजिब कोशिश के। गाडी चलते, खाना खाते, टीवी देखते और लिखते हुए भी....... ।
           आज ये एहसास हो रहा है कि एक इंसान के बनने में जिस ईट-गारे का इस्तेमाल होता है, वह यक़ीनन सारी उम्र अपना असर दिखाती है। मेरे पास बस कुछ सुबह, थोड़ी सी दोपहर और अनगिनत शाम की कुछ धुँधली यादें हैं जिन्हें कैश करा के जिंदगी रिचार्ज करता रहूँगा। आज लग रहा है कि जैसे यादों की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। जैसे सरसों की क्यारिओं में पनपी मुहब्बत की कहानियां गन्ने के खेतों में आकर ख़त्म नहीं होती वैसे ही अच्छी-बुरी यादों का एक ऐसा रिश्ता है जो कभी ख़त्म नहीं होता।

अब जब सुबह की धूप सामने वाले घर की छत पर चढने लगी है तो मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि वक्त मेरे घर के बहार एक नोट छोड़ गया कि, तुम नाकाबिल हो। इस नाकाबिलियत का तुम जश्न मनाओ या गम, ये तुम्हारे हवाले !
                                                                                                                      नीरज कृष्ण

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