स्वच्छ भारत ~ मीनाक्षी की बहाने !!


कल इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड, दिल्ली के एक कार्यक्रम में मीनाक्षी लेखी(अधिवक्ता, दिल्ली उच्च न्यायालय/ सांसद, नई दिल्ली) ने "स्वच्छ भारत" को 'सवच्छ भारत' लिख दिया जिसपर सोशल मीडिया और ट्वीटर दोनों ही जगहों पर उनका काफी मजाक उड़ाया गया, जिसके बाद उन्होंने अपनी गलती को सहजता पूर्वक स्वीकारते हुए माफी भी मांगी फिर भी उनका मजाक उड़ाया जाता रहा है।
आज मैंने उनके समर्थन में ही अपना पोस्ट लिखा है। उसकी दो वजह है प्रथम तो मीनाक्षी जी मेरी ही बिरादरी की हैं क्योंकि हम दोनों का एक ही पेशा है और दूसरी वजह यह है कि मीनाक्षी जी मेरी मित्र भी हैं वह मुझसे एक वर्ष सीनियर थी और बहुत दिनों तक प्रारम्भ में मेरे फेसबुक पर भी थीं।
अगर किसी से अज्ञानता के कारण या न जानने के कारण कोई गलती होती है और उस गलती को करने वाला व्यक्ति यदि उसे स्वीकार कर लेता है तो कभी भी उसका मजाक नही बनाना चाहिए हमें।मीनाक्षी जी कितनी विद्द्वान अधिवक्ता है और इतनी कम उम्र में अपने पेशे की किस ऊँचाई को उन्होंने छुआ है इस बात का अंदाज सिर्फ, इसी बात से लगाया जा सकता है कि मीनाक्षी जी Women's Reservation Bill and 'Sexual Harassment of Women at Workplace(Prevention, Prohibition and redressal)Bill 2013 की ड्राफ्टिंग कमिटी की वह प्रमुख सदस्य भी रही हैं।
किसी भी व्यक्ति के गलती को हम कितनी सहजता से मजाक बना देते हैं पर क्या कभी इस पर भी विचार करते हैं कि वह कितना अपने को असहज फील कर रहा होगा।
कोई जरूरी नही कि प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक कार्य में निपुण ही हो।
आज मैं उसी स्वच्छ भारत अभियान को यदि मजाक का पात्र बना दूं तो कैसा लगेगा?

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